Suryadev: सूर्य देव को खुश करने के अचूक उपाय

Suryadev: सूर्य देव को खुश करने के अचूक उपाय


सूर्य देव को खुश करने के अचूक उपाय

Surydev: प्राचीन मान्यता है और शास्त्रों में रचित है की सूर्य देव को ग्रहों का राजा माना जाता है। इसे फारसी भाषा में शम्स और अंग्रेजी भाषा में Sun कहते हैं। इस ग्रह के अशुभ होने पर बहुत सारे उपाय किए जा सकते हैं जो हम आपको नीचे दे रहे हैं जिन्हें आप आसानी से कर सकते हैं। तो आईए जानते हैं कि सूर्य देव को खुश करने के अचूक उपाय क्या है-


सूर्य देव का पूजन:


सवा सोने के समय सूर्य देव की पूजा करना उन्हें प्रसन्न करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।सूर्य नमस्कार और सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें।

रत्न धारण:


सूर्य ग्रह को शांति देने के लिए पुष्यराज (पुखराज) या माणिक्य रत्न को धारण करें। जिसे आप अनामिका की उंगली में रविवार के दिन धारण कर सकते हैं इनको सिद्ध करने के बहुत सारे विधि विधान है अगर उनके द्वारा उनको सिद्ध करके पहना जाए तो इसका और अधिक प्रभाव होता हैइससे सूर्य ग्रह के उत्कृष्ट प्रभाव को बढ़ावा मिलता है।


पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र में जन्म:


जो व्यक्ति पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र में जन्मे हैं, उन्हें सूर्य ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए अधिक सतत पूजन करना चाहिए। जिनमे सुबह के समय स्नान करके पूर्व दिशा की ओर मुख करके आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।


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अर्घ्य देना:


सूर्य देव को खुश करने का सबसे सरल और आसान तरीका यह है कि आप सुबह स्नान करने के बाद सूर्योदय के समय आर्घ्य देना भी सूर्य ग्रह को खुश करने का एक शानदार तरीका है। किसी तांबे के पत्र में जल भरकर उसमें लाल कलर की रोली डालकर इसमें हो सके थोड़ा सा गुड़ मिलाकर आप सूर्य देव की ओर मुख करके अपनी एक पर को ऊपर उठकर और अपने हाथों को अपने शरीर से ऊपर उठकर वहां से जल जमीन पर गिराते रहे ओम सूर्याय: नम के मित्रों का जाप करते हैं। इनमें कच्चे बर्तन में जल भरकर भी आप सूर्य देव को जल दे सकते हैं।


ताम्र पुष्प:


सूर्य की पूजा में ताम्र पुष्प का उपयोग करना भी उन्हें प्रसन्न करने के लिए एक आचूक उपाय है।ताम्र पुष्प को सूर्य के सामने देवी और पूजन करें।

सूर्य गायत्री मंत्र:


सूर्य गायत्री मंत्र का नियमित जाप करना सूर्य ग्रह के प्रभाव को दूर करने में सहायक हो सकता है।

  1. "ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।"
  2. सूर्य नमस्कार:

सूर्य नमस्कार योगासन को नियमित रूप से करना सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकता है।

पितृ तर्पण:


सूर्य को पितृ तर्पण के लिए अर्घ्य देना भी सुझावन्त है।अपने पितृओं के लिए प्रयाग स्नान के समय भी सूर्य को अर्घ्य देना लाभकारी हो सकता है।

सूर्य के मंदिर में यात्रा:


सूर्य के मंदिरों की यात्रा करना भी एक शक्तिशाली उपाय हो सकता है।सूर्य देव के मंदिरों में जाकर उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजा और आरती करें।

सूर्य देव का ध्यान:


सूर्य देव की मूर्ति या उनकी पूजा के समय उनके ध्यान में रहना अत्यधिक प्रभावशाली होता है।


उपरोक्त दिए गए सभी कार्य सूर्य देव को बाली बनाते हैं जिस भी जाता की कुंडली में सूर्य नीच के हैं कमजोर अवस्था के हैं उन्हें ऊपर दिए गए नियमों का पालन करना चाहिए इससे सूर्य का प्रभाव अच्छा होता है और जहां सूर्य खुश हैं समझिए उसकी लाइफ में सब कुछ ठीक है।

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